मुख्यमंत्री के कड़े निर्देश: पूरी पारदर्शिता से अंतिम पात्र व्यक्ति तक पहुंचे योजनाओं का लाभ विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने ठ...
मुख्यमंत्री के कड़े निर्देश: पूरी पारदर्शिता से अंतिम पात्र व्यक्ति तक पहुंचे योजनाओं का लाभ
विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने ठोस प्रयास करें
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों द्वारा आम जनता और स्कूली छात्राओं से दुर्व्यवहार पर कड़ी नाराजगी जतायी
स्कूली छात्राओं को समय पर सायकिल वितरित करने को कहा, इस पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में दो दिवसीय कलेक्टर कॉन्फ्रेंस शुरू
रायपुर । मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के न्यू सर्किट हाउस
में दो दिवसीय कलेक्टर कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए कहा कि बीते 9
महीने में यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की गारंटी के अनुरूप
प्रदेश को संवारने की दिशा में प्रयास किया गया है, किन्तु विकसित छत्तीसगढ़
की परिकल्पना को साकार करने के लिए हम सबको और अधिक कठिन परिश्रम करना
होगा। उन्होंने कलेक्टरों से कहा कि शासन की योजनाएं पूरी पारदर्शिता के
साथ क्रियान्वित की जाए और इसका लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी फ्लैगशिप योजनाओं में सैचुरेशन के लक्ष्य को
ध्यान में रखकर कार्य करें। उन्होंने कुछ जिलों में आम जनता और स्कूली
छात्रों से शासकीय अधिकारियों द्वारा किए गए दुर्व्यवहार पर सख्त नाराजगी
जताई। उन्होंने कहा कि अधिकारी पूरी संवेदनशीलता और सहृदयता के साथ आम जनता
की समस्याओं को सुने और उसका यथासंभव शीघ्र निराकरण करें। मुख्यमंत्री ने
कहा कि अधिकारियों-कर्मचारियों की भाषा-शैली मर्यादित होनी चाहिए। उन्होंने
कलेक्टरों को जनसामान्य से संयमित लहजे में बातचीत करने की हिदायत दी और
कहा कि यदि आपके अधीनस्थ अधिकारी भाषा संयम न रखें, तो उन पर तत्काल सख्त
कार्यवाही करें। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि स्थानीय स्तर की समस्याएं वहीं निपटे,
छोटी-छोटी समस्याओं को लेकर लोगों को राजधानी न आना पड़े। इस बात का ध्यान
जिला प्रशासन को रखना चाहिए। जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान में लाई गई जन
समस्याओं के त्वरित निदान के लिए प्रभावी कदम उठाएं जाएं। मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग की समीक्षा के दौरान साफ तौर पर कहा कि इस
विभाग का आम लोगों और किसानों से ज्यादा वास्ता है। राजस्व के प्रकरणों का
निराकरण बिना किसी लेट-लतीफी के किए जाने से शासन-प्रशासन की छबि बेहतर
होती है। उन्होंने अधिकारियों को जनसामान्य की भूमि संबंधी छोटी-छोटी
त्रुटियों एवं समस्याओं का निदान पूरी संवेदनशीलता के साथ समय-सीमा में
करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने सारंगढ़-बिलाईगढ़, बस्तर, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में
राजस्व मामलों के निराकरण की धीमी गति पर अप्रसन्नता जताई। उन्होंने
जिलेवार कलेक्टरों से अविवादित और विवादित नामांतरण, खाता विभाजन, सीमांकन,
त्रुटि सुधार, डायवर्सन, असर्वेक्षित ग्रामों की जानकारी, नक्शा बटांकन की
जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व प्रकरणों के निराकरण में ऐसे जिले जिनकी
प्रगति 70 प्रतिशत से कम है, उन्हें इस मामले में ज्यादा ध्यान देने की
जरूरत है। विवादित बटवारा के प्रकरण 6 माह से ज्यादा लंबित न हो। सीमांकन
के प्रकरणों को भी तेजी से निराकृत किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने सभी
कमिश्नरों को अधीनस्थ जिलों का नियमित दौरा कर राजस्व प्रकरणों के निराकरण
की स्थिति की समीक्षा करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य को प्रधानमंत्री जी ने अभी पीएम आवास
के अंतर्गत 8 लाख 46 हजार 931 आवासों को स्वीकृति दी है। पूर्ववर्ती सरकार
के दौरान पीएम आवास का काम काफी पिछड़ गया था। हमें तेजी से इस पर काम करना
है। यह सर्वाेच्च प्राथमिकता का कार्य है। इसके साथ ही हमने चिन्हांकित
किये गये लगभग 47 हजार आवासहीन परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना अंतर्गत
आवास देने का निर्णय भी लिया है। इस पर भी जुट कर काम करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्वच्छता सर्वे अभी चल रहा है। छत्तीसगढ़
के गांव और ग्राम पंचायतें स्वच्छता सर्वे को सभी मानदंडों को पूरा करती
हों, इस पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत हैं। मनरेगा रोजगार सृजन का
सबसे अच्छा माध्यम है। इसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में उपयोगी
अधोसंरचनाएं तैयार करें। मनरेगा में भुगतान संबंधी दिक्कतों का समाधान
करें। मुख्यमंत्री ने मनरेगा के तहत मानव दिवस सृजन कम होने पर बस्तर
कलेक्टर पर नाराजगी जतायी। उन्होंने कलेक्टरों को ग्रामीण क्षेत्रों में
स्वसहायता समूहों को बढ़ावा देने के साथ ही ट्रेनिंग, बैंक लिंकेज आदि की
व्यवस्था पर विशेष रूप से ध्यान देने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने पंचायतों का व्यापक निरीक्षण करने, वहां की समस्याओं को हल
करने के निर्देश दिए। अमृत सरोवर योजना को जन अभियान का स्वरूप देने,
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवासों का तेजी से निर्माण कराए जाने पर
जोर देते हुए उन्होंने कहा कि यह हमारी सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता वाली
योजना है। 15 सितम्बर को प्रधानमंत्री जी द्वारा पहली किश्त जारी की
जाएगी। मुख्यमंत्री ने बैठक में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल विकास योजना के
क्रियान्वयन की स्थिति की समीक्षा की और खैरागढ़, सारंगढ़, सक्ती, रायगढ़
जिलों की शून्य प्रगति पर नाराजगी जताई और कहा कि यह स्थिति ठीक नहीं है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति
की समीक्षा के दौरान गरियाबंद जिले के सूपेबेड़ा में किडनी की बीमारी की
रोकथाम के लिए प्रभावी उपाय करने और आवश्यकतानुसार दिल्ली से विशेषज्ञ
बुलाकर सेवाएं लेने की बात कही। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय
डायलिसिस कार्यक्रम का सभी जिलों में संचालन तथा रोगियों को लाभ सुनिश्चित
करने, आगामी 6 माह में शत प्रतिशत आयुष्मान पंजीयन करने, पीएम जनऔषधि
केंद्रों का संचालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने टीबी
उन्मूलन के तहत किये जा रहे कार्यों की भी जानकारी ली। टीबी उन्मूलन
कार्यक्रम में रायपुर और बिलासपुर जिले में बेहतर स्थिति की सराहना की।
उन्होंने अन्य जिलों को भी टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में तेजी लाने के
निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए सरस्वती सायकल
योजना के वितरण में कुछ जिलों में हुई लेट-लतीफी को लेकर अप्रसन्नता जताई।
उन्होंने कलेक्टरों को स्पष्ट तौर पर कहा कि सायकल का वितरण शिक्षा सत्र
शुरू होते ही सुनिश्चित किया जाना चाहिए। सुकमा एवं बलरामपुर जिले में
साइकिल वितरण अब तक न होने पर की स्थिति को देखते हुए कहा कि इस तरह की
लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने आदिम जाति विकास विभाग की समीक्षा के दौरान हितग्राहियों को
प्रधानमंत्री जन मन योजना का शत-प्रतिशत लाभ दिलाने पर जोर दिया। उन्होंने
कबीरधाम जिले में वन अधिकार पट्टा के कार्य में सुधार की आवश्यकता पर बल
दिया और जिन जिलों में डिजिटलाइजेशन का कार्य 80 प्रतिशत से कम है, वहां
तेजी से कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने आश्रम एवं
छात्रावासों की व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने पर विशेष ध्यान देने को कहा और
कलेक्टरों को स्वयं निरीक्षण करने के निर्देश दिए। साथ ही, छात्रावासों में
भोजन मेन्यू के अनुसार उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था सुनिश्चित करने को
कहा। मुख्यमंत्री ने महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा करते हुए महतारी वंदन
योजना को सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना बताया। उन्होंने कहा कि इस
योजना में कोई पात्र महिला वंचित नहीं रहना चाहिए। उन्होंने पीएम मातृ वंदन
योजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा
कि छत्तीसगढ़ से कुपोषण को जड़ से समाप्त करना हम सभी का लक्ष्य होना चाहिए
और इसके लिए विभाग को विशेष प्रयास करने की आवश्यकता है। कलेक्टर-एसपी
कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री मनोज
पिंगुआ, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी., मुख्यमंत्री के
सचिव श्री राहुल भगत और श्री पी. दयानंद तथा सभी संबंधित विभागों के सचिव
सहित सभी संभागों के आयुक्त, सभी जिलों के कलेक्टर, जिला पंचायतों के सीईओ
और नगर निगमों के आयुक्त भी मौजूद थे।
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