बस्तर से नक्सल उन्मूलन में सुरक्षा जवानों की है अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका बस्तर प्रवास के दौरान जवानों का उत्साह बढ़ाने मुख्यमंत्री अचानक ...
बस्तर से नक्सल उन्मूलन में सुरक्षा जवानों की है अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका
बस्तर प्रवास के दौरान जवानों का उत्साह बढ़ाने मुख्यमंत्री अचानक पहुंचे सीआरपीएफ कैंप
जवानों के आग्रह पर सीआरपीएफ कैंप सेडवा में मुख्यमंत्री ने किया रात्रि विश्राम
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने सीआरपीएफ के जवानों से कहा कि पिछले 11
महीनों के दौरान आप लोगों ने जिस तरह नक्सली आतंक को खत्म करने की दिशा में
ऐतिहासिक सफलताएं हासिल की हैं, उसकी पूरे देश में प्रशंसा हो रही है। आप
लोग परिवार से दूर रहकर और सुख-सुविधाओं को त्याग कर बस्तर के विकास में जो
योगदान दे रहे हैं, उससे आप लोगों ने यहां के जनजातीय समुदायों के हृदय
में अपने लिए हमेशा हमेशा के लिए जगह बना ली है। श्री साय बस्तर जिले में
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के सेडवा कैंप में जवानों को सम्बोधित कर रहे
थे। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के अचानक सीआरपीएफ कैंप पहुंचने पर
आश्चर्यमिश्रित खुशी के साथ ही जवानों ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत
किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने सुरक्षा बलों के जवानों से आत्मीयतापूर्वक संवाद
करते हुए कहा कि जब मैं बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक में
चित्रकोट आया था, तो मेरी बड़ी इच्छा थी कि मैं आप सब जवानों से मिलूं।
पिछले 11 महीनों में छत्तीसगढ़ में नक्सल मोर्चे पर जो सफलता मिली है, उसमें
आप सभी का अत्यधिक महत्वपूर्ण योगदान है। मैं आप सभी के साहस को नमन करता
हूं। नक्सल अभियान में आप सभी को जो सफलता मिल रही है, उसकी पूरे देश में
प्रशंसा हो रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से जब भी मेरी मुलाकात
होती है तो वे नक्सल अभियान में छत्तीसगढ़ को मिल रही सफलता का जिक्र जरूर
करते हैं। गृह मंत्री श्री अमित शाह का नक्सल ऑपरेशन में सतत मार्गदर्शन और
सहयोग मिलते रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर में हमने नक्सलवाद को वर्ष 2026 तक
समूल नष्ट करने का संकल्प लिया है। हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री
नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री श्री अमित शाह का भी यही संदेश है। बस्तर में पुलिस और सुरक्षा बलों के जवानों ने अल्प अवधि में ही 200 से
ज्यादा नक्सलियों को ढेर कर दिया है। 740 से ज्यादा माओवादी कैडर्स ने
आत्मसमर्पण कर दिया है। वे हिंसा त्याग कर लोकतंत्र की मुख्य धारा में
शामिल हो गए हैं। शासन ने हिंसा का त्याग करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास
के लिए ऐसी नीति बनाई है कि आने वाले दिनों में और भी बड़ी संख्या में
नक्सली आत्मसमर्पण करेंगे। सुरक्षा बल के जवानों द्वारा कैंप में रात्रि विश्राम करने के आग्रह पर उन्होंने कैंप में रात्रि विश्राम भी किया।
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