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बिजली क्षेत्र को कोयला आवंटन के लिए संशोधित शक्ति नीति को मिली मंजूरी

  नयी दिल्ली  । मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने केंद्रीय क्षेत्र/राज्य क्षेत्र/स्वतंत्र बिजली उत्पादकों (आईपीपी) के ताप विद्युत स...

  नयी दिल्ली  मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने केंद्रीय क्षेत्र/राज्य क्षेत्र/स्वतंत्र बिजली उत्पादकों (आईपीपी) के ताप विद्युत संयंत्रों को नए कोयला लिंकेज देने के उद्देश्य से भारत में कोयला का पारदर्शी तरीके से दोहन और आवंटन करने की योजना (संशोधित शक्ति) नीति को बुधवार को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुयी समिति की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। आधिकारिक जानकारी के अनुसार संशोधित शक्ति नीति के तहत दो विंडो प्रस्तावित की गई हैं जिuमें केंद्रीय बिजली उत्पादन कंपनियों/राज्यों को अधिसूचित मूल्य पर कोयला लिंकेज: विंडो-I तथा सभी बिजली उत्पादन कंपनियों को अधिसूचित मूल्य से अधिक प्रीमियम पर कोयला लिंकेज: विंडो-II शामिल है। विंडो-I (अधिसूचित मूल्य पर कोयला) दिया जाना है जिसमें संयुक्त उद्यमों (जेवी) और उनकी सहायक कंपनियों सहित केंद्रीय क्षेत्र की ताप विद्युत परियोजनाओं (टीपीपी) को कोयला लिंकेज देने की मौजूदा व्यवस्था जारी रहेगी। विद्युत मंत्रालय की सिफारिश पर, मौजूदा तंत्र के अनुसार राज्यों और राज्यों के समूह द्वारा अधिकृत एजेंसी को कोयला लिंकेज निर्धारित किए जाएंगे। राज्यों को निर्धारित कोयला लिंकेज का उपयोग राज्य अपने स्वयं के जेनको, टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (टीबीसीबी) के माध्यम से पहचाने जाने वाले स्वतंत्र विद्युत उत्पादकों (आईपीपी) या विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 62 के तहत विद्युत क्रय समझौता (पीपीए) वाले मौजूदा आईपीपी द्वारा धारा 62 के तहत पीपीए वाली नई विस्तार इकाई की स्थापना के लिए कर सकते हैं। विंडो-II (अधिसूचित मूल्य से अधिक प्रीमियम) के तहत कोई भी घरेलू कोयला आधारित विद्युत उत्पादक जिसके पास पीपीए है या असंबद्ध और आयातित कोयला आधारित विद्युत संयंत्र (यदि उन्हें ऐसा चाहिए) अधिसूचित मूल्य से अधिक प्रीमियम का भुगतान करके और विद्युत संयंत्रों को अपनी पसंद के अनुसार विद्युत बेचने की सुविधा प्रदान करके 12 महीने तक की अवधि के लिए या 12 महीने से अधिक की अवधि से लेकर 25 वर्ष तक की अवधि के लिए नीलामी के आधार पर कोयला प्राप्त कर सकता है। उपर्युक्त निर्णयों के कार्यान्वयन के लिए कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल)/सिंगारेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) को निर्देश जारी किए जाएंगे। इसके अलावा, संबंधित मंत्रालयों और सभी राज्यों को भी संबंधित विभागों/प्राधिकरणों और विनियामक आयोगों को आगे प्रसारित करने के लिए संशोधित शक्ति नीति से अवगत कराया जाएगा। संशोधित शक्ति नीति की शुरुआत के साथ, कोयला आवंटन के लिए मौजूदा आठ पैरा को व्यापार करने में आसानी की भावना में केवल दो विंडो में मैप किया गया है।

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