अफ्रीकन बोयर नस्ल से कृत्रिम गर्भाधान का नवाचार रायपुर । किसानों को मिलेगा अतिरिक्त आर्थिक आय ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने और ग...
अफ्रीकन बोयर नस्ल से कृत्रिम गर्भाधान का नवाचार
प्रशासन की नवाचार पहल से मिलेगी आर्थिक मजबूती
कलेक्टर सरगुजा के निर्देश पर पशुपालन विभाग द्वारा 7800 सीमेन डोज मंगवाए
गए हैं, जिनमें भारतीय नस्ल जमुनापारी, सिरोही, बारबरी के साथ पहली बार
अफ्रीकन बोयर नस्ल के सीमेन भी शामिल हैं। ये सीमेन उत्तराखंड लाइव स्टॉक
डेवलपमेंट बोर्ड, ऋषिकेश के माध्यम से उपलब्ध कराए गए हैं। इस योजना में
जिला पशु रोगी कल्याण समिति से भी आर्थिक सहयोग मिला है।
वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. सी.के. मिश्रा ने बताया कि, यह पहली बार है जब अफ्रीकन बोयर नस्ल का सीमेन सरगुजा में उपलब्ध कराया गया है। सफेद रंग की इस नस्ल का गला और सिंग तक का भाग कत्थई रंग का होता है। वजन अधिक होने के कारण बकरी पालन से ग्रामीणों को लाभ भी अधिक मिलेगा।
सफल नवाचार का सरगुजा जिले के हर ब्लॉक में होगा विस्तार
छत्तीसगढ़ राज्य में सबसे पहले सूरजपुर और सरगुजा जिले में बकरियों में
कृत्रिम गर्भाधान की शुरुआत की गई थी। अब इस नवाचार को मिली सफलता के बाद
सरगुजा जिले के सभी विकासखंडों में इसे लागू कर दिया गया है। इससे
ग्रामीणों को बेहतर नस्ल की बकरी पालने और उससे अधिक आय प्राप्त होने से
किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
यह पहल न केवल ग्रामीणों को अतिरिक्त आय प्रदान करेंगे, जिससे बकरी पालक आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनेंगे। प्रशासन और पशुपालन विभाग के संयुक्त प्रयास से अब बकरी पालन सिर्फ आजीविका नहीं, बल्कि समृद्धि का जरिया बनता जा रहा है।
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