सुरक्षित सेनेटरी अपशिष्ट प्रबंधन एवं मासिक धर्म स्वच्छता पर आयोजित कार्यशाला में शामिल हुए उप मुख्यमंत्री विशेषज्ञों ने नगरीय निकायों के...
सुरक्षित सेनेटरी अपशिष्ट प्रबंधन एवं मासिक धर्म स्वच्छता पर आयोजित कार्यशाला में शामिल हुए उप मुख्यमंत्री
विशेषज्ञों ने नगरीय निकायों के मास्टर ट्रेनर स्वच्छता दीदियों को सुरक्षित सेनेटरी अपशिष्ट प्रबंधन एवं मासिक धर्म स्वच्छता की दी जानकारी
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर स्वच्छता दीदियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी को मास्टर ट्रेनर के रूप में यहां मिली जानकारी को राज्य के 10 हजार स्वच्छता दीदियों के साथ ही लाखों बहन-बेटियों तक पहुँचाना है, ताकि मासिक धर्म स्वच्छता विषय पर जो झिझक बहनों में है, उसे दूर किया जा सके। उन्होंने सेनेटरी नेपकिन के उपयोग के बाद उसके सही निपटान की प्रक्रिया को भी ध्यान में रखने को कहा। श्री साव ने कहा कि 28 मई को पूरी दुनिया में विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह न केवल महिलाओं के माहवारी स्वच्छता के अधिकार को उजागर करता है, बल्कि इस विषय से जुड़ी भ्रांतियों, चुप्पियों और पर्यावरणीय चुनौतियों पर विचार करने का अवसर भी प्रदान करता है।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने कहा कि मासिक धर्म स्वच्छता दिवस का
उद्देश्य मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना
तथा महिलाओं एवं लड़कियों को स्वच्छ व सुरक्षित माहौल प्रदान कर उनके
अधिकारों की रक्षा करना है। स्वच्छ भारत अभियान के तहत निर्मित शौचालयों
में स्वास्थ्य सुविधाओं में वृद्धि ने महिलाओं और बालिकाओं के बेहतर मासिक
धर्म स्वच्छता प्रथाओं में योगदान दिया है। इस अभियान ने मासिक धर्म
स्वच्छता प्रबंधन के बारे में जागरूकता बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका
निभाई है।
राज्य शहरी विकास अभिकरण (SUDA) के सीईओ श्री शशांक पाण्डेय ने कार्यशाला
में कहा कि आज हम यहाँ एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय पर बात कर रहे हैं। आज का
दिन न केवल महिलाओं के स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़ा है, बल्कि समाज की
सोच, जागरूकता और संवेदनशीलता से भी जुड़ा हुआ है। हर साल 28 मई को विश्व
मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया जाता है, ताकि इस विषय पर खुलकर चर्चा हो
और जागरूकता बढ़ाकर इससे जुड़ी भ्रांतियों, असहजता और चुप्पी को समाप्त किया
जा सके। हमारे समाज में आज भी इस पर खुलकर बात नहीं की जाती।
श्री पाण्डेय ने बताया कि आज सुरक्षित सेनेटरी अपशिष्ट प्रबंधन एवं
मासिक धर्म स्वच्छता पर विभाग द्वारा प्रथम कार्यशाला आयोजित की गई है। आगे
सभी नगरीय निकायों में भी ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने
कहा कि स्वच्छता दीदियों को उनके स्वास्थ्य के विषय में जागरूक किया जाएगा,
ताकि वे सुरक्षित वातावरण में कार्य करते हुए प्रदेश की 10 हजार स्वच्छता
दीदियों को मार्गदर्शन प्रदान कर उन्हें प्रशिक्षित कर सके।
एम्स (AIIMS) के पूर्व निर्देशक पद्मश्री से सम्मानित डॉ. रणदीप गुलेरिया
ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कार्यशाला में मौजूद स्वच्छता दीदियों
को माहवारी स्वच्छता के बारे में जानकारी दी। एमिटी यूनिवर्सिटी की डॉ.
आकांक्षा सिंह ने मासिक धर्म स्वच्छता विषय पर प्रस्तुतिकरण के माध्यम से
स्वच्छता दीदियों को सेनेटरी पैड के निपटान और मासिक धर्म के दौरान जरूरी
सावधानियों से अवगत कराया। यूनिसेफ के वॉश (Wash) विशेषज्ञ श्री आशीष कुमार
ने निजी स्वच्छता पर प्रस्तुतिकरण दिया।
कार्यशाला में राज्य के एसएलआरएम सेंटर में कार्यरत स्वच्छता दीदियों को
घरेलू हानिकारक अपशिष्टों के व्यवस्थित निपटान एवं एसएलआरएम सेंटर के जोखिम
रहित संचालन के लिए प्रस्तुतिकरण दिया गया। डॉ. सबापथी एस. ने मासिक धर्म
स्वच्छता संबंधित स्टार्ट-अप, 'समर्थन' संस्था की श्रीमती ऋतु वर्मा और
श्री देवीदास ने मासिक धर्म स्वच्छता एवं निजी स्वच्छता पर प्रस्तुतीकरण
दिया। सूडा के अतिरिक्त कार्यपालन अधिकारी श्री दुष्यंत कुमार रायस्त सहित
नगरीय प्रशासन विभाग एवं सूडा के अधिकारी भी कार्यशाला में मौजूद थे।
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