नयी दिल्ली । विश्व नेताओं ने पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र सेनाओं के मंगलवार देर रात चलाये गये ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पाक...
नयी दिल्ली । विश्व नेताओं ने पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र सेनाओं के मंगलवार देर रात चलाये गये ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकवादी ठिकानों पर किये गये हमलों पर सधी हुई प्रतिक्रिया करते हुये दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऑपरेशन सिंदूर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा, “ मैंने इसके बारे में सुना, मुझे लगता है कि हम जानते थे कि कुछ होने वाला है। उम्मीद है कि यह जल्दी ही खत्म हो जायेगा। वे (भारत-पाकिस्तान) लंबे समय से लड़ रहे हैं, वे कई-कई दशकों से लड़ रहे हैं, अब मैं बस यही उम्मीद करता हूं कि यह बहुत जल्दी खत्म हो जाये। ” चीन ने हालांकि भारत की कार्रवाई को अफसोसजनक करार दिया है। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे के पड़ोसी भी हैं, चीन सभी तरह के आतंकवाद का विरोध करता है। मंत्रालय के प्रवक्ता ने दोनों देशों से शांत रहने, संयम बरतने और ऐसी कार्रवाइयों से बचने की अपील की है, जो स्थिति को और जटिल बना सकती है। भारत में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने ‘एक्स’ पर अपनी एक पोस्ट में कहा, “ इजरायल भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करता है। आतंकवादियों को पता होना चाहिये कि निर्दोषों के खिलाफ उनके जघन्य अपराधाें से बचने के लिये उनके पास छिपने की कोई जगह नहीं है। ” संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने का आह्वान करते हुए कहा है कि दुनिया इन दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव बर्दाश्त नहीं कर सकती है। श्री गुटेरेस ने न्यूयार्क में जारी एक बयान में कहा कि संयुक्त राष्ट्र भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार भारतीय सैन्य अभियानों को लेकर बहुत चिंतित हैं। उन्होंने दोनों देशों से अधिकतम सैन्य संयम बरतने का आह्वान किया और कहा कि दुनिया भारत एवं पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव बर्दाश्त नहीं कर सकती। कतर ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर गहरी चिंता जताते हुये दोनों देशाें से आग्रह किया है कि वे इस संकट का हल राजनयिक तरीके से निकालें। कतर के विदेश मंत्रालय ने कहा कि तनाव कम करने के लिये बातचीत के रास्ते खोलने पर जोर देना चाहिये। दोनों देशों को सकारात्मक बातचीत के जरिये अनसुलझे मुद्दों को सुलझाना चाहिये।
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