रायपुर। शहर में प्रतिदिन 150 से अधिक लोग गर्दन, कमर और चलने-फिरने में होने वाले दर्द की समस्या से राहत पाने के लिए शासकीय आयुर्वेद महाविद्...
रायपुर। शहर में प्रतिदिन 150 से अधिक लोग गर्दन, कमर और चलने-फिरने में होने वाले दर्द की समस्या से राहत पाने के लिए शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय पहुंच रहे हैं, जहां इन सभी का पंचकर्म पद्धति से उपचार किया जा रहा है। देखा जा रहा है कि एलोपैथी से लंबे समय तक इलाज करवाने के बाद जब जोड़ों का दर्द कम नहीं होता, तब लोग आयुर्वेद की ओर रुख कर रहे हैं। वहीं पंचकर्म करवाने के बाद लोगों को काफी आराम मिल रहा है। आयुर्वेद एक किफायती और प्रभावी उपचार पद्धति है। दिन-ब-दिन इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है। पंचकर्म एक प्राचीन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति है, जिसे शरीर को शुद्ध करने और विभिन्न बीमारियों से राहत दिलाने में सहायक माना जाता है। महाविद्यालय प्रशासन के अनुसार, यहां आने वाले मरीजों को वमन, विरेचन, नस्य, बस्ती और रक्तमोक्षण जैसी पंचकर्म प्रक्रियाओं के माध्यम से उपचार प्रदान किया जा रहा है। पंचकर्म चिकित्सा के तहत शरीर से विषाक्त पदार्थों (टाक्सिंस) को निकालने की प्रक्रिया अपनाई जाती है, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ती है और कई पुरानी बीमारियों में राहत मिलती है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह विधि गठिया, त्वचा रोग, मोटापा, मधुमेह और मानसिक तनाव जैसी समस्याओं के उपचार में प्रभावी साबित हो रही है। महाविद्यालय में इलाज के लिए आने वाले मरीजों ने बताया कि पंचकर्म चिकित्सा से उन्हें काफी राहत मिली है और उनकी स्वास्थ्य स्थिति में सुधार हुआ है। शासकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय में पंचकर्म का 21 दिवसीय कोर्स उपलब्ध है, जिसके माध्यम से लोगों को विभिन्न प्रकार के दर्द से राहत मिल रही है। वर्तमान में प्रतिदिन 180 मरीज इलाज के लिए महाविद्यालय पहुंच रहे हैं, जिनमें से अधिकांश कमर दर्द, जोड़ों के दर्द और घुटनों के दर्द जैसी समस्याओं से पीड़ित हैं। इन सभी का पंचकर्म के तहत इलाज किया जा रहा है।
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