नियमित शिक्षको की नियुक्ति के साथ ही दूर हुई समस्या अतिशेष शिक्षकों के समायोजन से विद्यार्थियों को मिलेगी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा रायपुर ...
नियमित शिक्षको की नियुक्ति के साथ ही दूर हुई समस्या
अतिशेष शिक्षकों के समायोजन से विद्यार्थियों को मिलेगी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा
कोरबा ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम पंचायत देवपहरी के आश्रित ग्राम बरपानी में विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवाओं का परिवार निवास करता है। यहाँ रहने वाले पहाड़ी कोरवाओं के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने शासन ने पहल की। डीएमएफ से 2017 में नए भवन भी बनाएं। स्कूल में शिक्षा हेतु शिक्षक की व्यवस्था भी की गई थी। शहर से बहुत दूर वनांचल क्षेत्र में स्कूल होने से यहाँ कोई नियमित शिक्षक नहीं था। राज्य शासन द्वारा अतिशेष शिक्षको के समायोजन के निर्देश जारी होने के बाद जब कोरबा जिले के प्राथमिक शालाओ के अतिशेष शिक्षकों की काउंसिलिंग की गई तो प्राथमिक शाला बरपानी को एक नियमित प्रधानपाठक और एक रेगुलर शिक्षक मिल गया है। अब इस विद्यालय में भी शिक्षक उपलब्ध हो जाने से पहाड़ी कोरवाओं के बच्चों का भी भविष्य उज्ज्वल नजर आने लगा है। इन गाँव के संपत लाल कोरवा ने बताया कि स्कूल में 25 बच्चे हैं। विगत कई साल से रेगुलर शिक्षक नहीं होने से अध्यापन प्रभावित होता था। बीते शिक्षा सत्र में एक अतिथि महिला शिक्षक कक्षाएं लेती थी। अब खुशी की बात है कि हमारे गाँव के स्कूल को एक प्रधानपाठक और एक नियमित शिक्षक मिल गया है। गाँव के झुनी बाई, शैम्पूरम कोरवा, बुधवारी बाई ने बताया कि हमारे गाँव के पास स्कूल खुलने के बाद गाँव के बच्चों को स्कूल भेजते हैं। स्कूल में शिक्षक नहीं होने से दूसरे स्कूल के शिक्षको को भेजा जाता है। कई बार बीमारी या दूसरे कारणों से शिक्षक के अवकाश में रहने से समस्याएं आ जाती है। अब हमारे गाँव के स्कूल में शिक्षक मिल जाने से हमारे बच्चों को भी इन शिक्षकों के माध्यम से अच्छी शिक्षा मिलेगी।
पहाड़ी कोरवाओं वाले विद्यालयों में दी गई है प्राथमिकता
शासन से अतिशेष शिक्षको को शिक्षकविहीन और एकलशिक्षकीय विद्यालय में युक्ति युक्तकरण व समायोजन के निर्देश जारी होने के पश्चात शिक्षा विभाग के माध्यम से कलेक्टर श्री अजीत वसंत ने जिले के उन विद्यालयों को चिन्हित कराया,जहाँ पर लम्बे समय से शिक्षकों की कमी बनी हुई थी। उन्होंने दूरस्थ क्षेत्र के विद्यालयों, पहाड़ी कोरवाओं वाले विद्यालयों को भी लाभान्वित करने के उद्देश्य से अतिशेष शिक्षको की नियुक्ति में ऐसे विद्यालयों को प्राथमिकता में रखा। जिले के दूरस्थ क्षेत्र वाले विद्यालय तीतरडाँड़, खमहूँन, नकिया, श्यांग, गोलहर, पेंड्रीडीह, कोरई, चिरईझुंझ, रफ्ता, खैरभवना, कदमझेरिया सहित अनेक विद्यालय है जहाँ बड़ी संख्या में पहाड़ी कोरवा बच्चे प्राथमिक शाला में अध्ययन करते हैं। इन स्कूलों में शिक्षको की कमी को दूर करने के लिए अतिशेष शिक्षको को नियुक्त किया गया है। नियमित शिक्षको की नियुक्ति से पहाड़ी कोरवा जनजाति के बच्चों को बेहतर शिक्षा मुहैया हो पायेगी। कलेक्टर श्री वसंत ने कहा कि अतिशेष शिक्षको के समायोजन से शिक्षकविहीन और एकल शिक्षकीय विद्यालय को बड़ी संख्या में लाभ मिल है। पहाड़ी कोरवाओं वाले विद्यालयों में नियमित शिक्षकों की पदस्थापना से शैक्षणिक माहौल और भी बेहतर होगा।
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