आधार से सध रहा है सुशासन और डिजिटल गवर्नेंस का लक्ष्य - श्रीमती निहारिका बारिक सिंह ’आधार के उपयोग द्वारा अधिकतम लाभ’ विषय पर आयोजित क...
आधार से सध रहा है सुशासन और डिजिटल गवर्नेंस
का लक्ष्य - श्रीमती निहारिका बारिक सिंह
’आधार के उपयोग द्वारा अधिकतम लाभ’ विषय पर आयोजित की
गई राज्य स्तरीय कार्यशाला
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री भुवनेश कुमार ने कहा कि आई.टी. के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ तीव्र गति से प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि देश में लगभग 140 करोड़ आधार बने हैं, जिसकी सहायता से हितग्राहियों को सीधे लाभ पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में आधार आम नागरिकों की प्रगति का सबसे बड़ा माध्यम बन गया है। उन्होंने जानकारी दी कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा आधार एनरोलमेंट और अपडेशन के लिए नवाचार का उपयोग कर नया साफ्टवेयर बना कर पूर्ण प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जा रहा है, ताकि आधार बनाने की प्रक्रिया में होने वाली दिक्कत की आशंका को कम किया जा सके। आधार को और अधिक विश्वसनीय एवं प्रभावी बनाने के लिए जन्म प्रमाण पत्र, पेन कार्ड, पासपोर्ट, मनरेगा, पी.डी.एस. आदि अनेक सेवाओं से इन्टीग्रेट किया जा रहा है।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह ने कहा कि आधार से सुशासन और डिजिटल गवर्नेंस का लक्ष्य साधने में मदद मिल रही है। आधार, भारत का सबसे परिवर्तनकारी डिजिटल पहचान मंच बन चुका है, जिसकी सहायता से शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाया जा रहा है। उन्होंने आधार की भूमिका को समावेशी, पारदर्शी और उत्तरदायी शासन की नींव बताते हुए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली, पेंशन, मनरेगा मजदूरी भुगतान, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं सहित कई सेवाओं में आधार का सफल इंटीग्रेशन किया है। इसके अलावा, ई-डिस्ट्रिक्ट, लोक सेवा गारंटी और राज्य डी.बी.टी. पोर्टल जैसे डिजिटल प्लेटफार्मों में आधार की भूमिका को और अधिक सशक्त किया जा रहा है।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए रीजनल ऑफिस हैदराबाद की डिप्टी डायरेक्टर
जनरल श्रीमती पी. संगीता ने बताया कि आधार पिछले दो दशकों में अभूतपूर्व
परिवर्तन से गुजर चुका है। यह अब सिर्फ 12 अंकों की संख्या नहीं रह गया है,
बल्कि यह एक समग्र सुशासन और डिजिटल भारत की आधारभूत संरचना बन चुका है।
आधार से संबंधित नियम और नीतियों में समय-समय पर बदलाव होते रहे हैं, जिसे
सभी हितधारकों के साथ साझा किया जाता है। यूआईडीएआई मुख्यालय के डीडीजी
श्री विवेक चंद्र वर्मा एवं श्री विनोद कुमार सिंह ने कार्यशाला में आधार
उपयोग में हाल के समय में की जा रही है पहल पर व्याख्यान दिया। उन्होंने
आधार अधिनियम 2016 के प्रावधानों के तहत लाभ वितरण, प्रमाणीकरण सुविधाएं और
आधार सक्षम भुगतान प्रणाली की जानकारी दी।
कार्यशाला में यूआईडीएआई मुख्यालय के निदेशक कर्नल श्री निखिल सिन्हा ने
नामांकन एवं अद्यतन पारिस्थितिकी तंत्र में हाल के समय में विकास और नई
नीतियां विषय पर प्रस्तुति दी। वहीं, निदेशक लेफ्टिनेंट कर्नल श्री संजीव
यादव ने आधार प्रमाणीकरण अवलोकन एवं मुख्य बातें साझा करते हुए छत्तीसगढ़
सहित अन्य राज्यों की तुलनात्मक जानकारियाँ दीं। इनिशिएटिव एण्ड बेस्ट
प्रेक्टिसेस के अंतर्गत, बेंगलुरु के राजस्व आयुक्त श्री सुनील कुमार
पोम्माला ने भूमि प्रबंधन प्रणाली में आधार के तकनीकी उपयोग और कर्नाटक
राज्य में कृषि से जुड़ी योजनाओं में आधार के सकारात्मक प्रभाव पर आधारित
अनुभव साझा किए।
राज्य में आधार प्रमाणीकरण का स्कोप विषय पर चिप्स के सीईओ श्री प्रभात मलिक ने अपने विचार रखते हुए बताया कि आधार ऑथेंटिकेशन के जरिए योजनाओं से अपात्र हितग्राहियों को हटाकर पात्र लाभार्थियों तक लाभ पहुंचाया जा सकता है। यूआईडीएआई हैदराबाद के निदेशक लेफ्टिनेंट कर्नल श्री शरत नांबियार ने भी संबोधित किया। कार्यशाला में चिप्स द्वारा प्रदेश में नियुक्त किये गये 14 ऐसे आधार केंद्रों के ऑपरेटरों को जिन्होंने विगत छः माह में अत्यंत कम त्रुटि के साथ आधार एनरोलमेंट और अपडेशन किया है, उन्हें सम्मानित किया गया।
कार्यशाला में प्रतिभागियों ने आधार से संबंधित विविध प्रश्न रखे, जिस पर विशेषज्ञों ने सार्थक जानकारी दी और उनकी शंकाओं का समाधान किया। कार्यशाला में उद्योग एवं वाणिज्य तथा सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव श्री रजत कुमार, राजस्व विभाग के सचिव श्री अविनाश चंपावत, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह सहित राज्य शासन के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, राज्य के विभिन्न जिलों से आए आधार ऑपरेटर्स शामिल हुए।
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