उन्मुखीकरण व प्रशिक्षण कार्यक्रमों से ग्रामीणों को मिल रहा ज्ञान, हर ग्राम पंचायतें की जनभागीदारी से जागरूकता बढ़ी रायपुर । छत्तीसगढ़ शासन...
उन्मुखीकरण व प्रशिक्षण कार्यक्रमों से ग्रामीणों को मिल रहा ज्ञान, हर ग्राम पंचायतें की जनभागीदारी से जागरूकता बढ़ी
तकनीकी आधार पर पारदर्शी योजना
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री हरेश मंडावी ने बताया कि
इस महाअभियान की सफलता के लिए आधुनिक तकनीकों, विशेषकर जीआईएस (भौगोलिक
सूचना प्रणाली) का प्रभावी उपयोग किया जा रहा है। इससे जल संरक्षण कार्यों
की सटीक योजना और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने बताया कि
जनभागीदारी से आगामी तीन वर्षों के लिए मजबूत और तकनीकी दृष्टि से सक्षम जल
संरक्षण योजनाएं तैयार की जा रही हैं। इसके तहत राज्य ग्रामीण आजीविका
मिशन द्वारा गठित संकुल संगठनों के माध्यम से प्रत्येक ब्लॉक को चार
क्लस्टरों में विभाजित किया गया है, जिससे प्रशिक्षण अधिक प्रभावी और
व्यवस्थित हो रहा है।
योजनाओं में समाहित होंगे प्रमुख जल संरक्षण कार्य
इस अभियान के अंतर्गत चेक डेम निर्माण, फार्म पॉन्ड (खेत तालाब), कंटूर
ट्रेंचिंग, रूफ वाटर हार्वेस्टिंग, वृक्षारोपण, आजीविका वृक्ष, सोक पिट,
जल संग्रहण तालाबों का गहरीकरण तथा नाला उपचार जैसे कार्य किए जाएंगे।
कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि सभी कार्यों की गुणवत्ता सर्वाेच्च स्तर की होनी
चाहिए।
जन-जागरूकता और सहभागिता से जागरूक गांव
अभियान के अंतर्गत सभी ग्राम पंचायतों में विगत वर्ष व वर्तमान भूजल
स्तर का रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों को जल स्तर में हो
रहे परिवर्तनों की जानकारी मिलेगी। गांवों में दीवार लेखन के माध्यम से जल
संरक्षण का संदेश दिया जा रहा है। साथ ही, प्रशिक्षणों के माध्यम से जल
संसाधनों के समुचित प्रबंधन की दिशा में ठोस प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे न
केवल जल की उपलब्धता बढ़ेगी, बल्कि ग्रामीणों की आजीविका और पर्यावरणीय
संतुलन भी सशक्त होगा। गांवों में रैली, शपथ ग्रहण और श्रमदान के जरिए जल
स्रोतों की सफाई कर जल बचाने के प्रयासों को मजबूती दी जा रही है।
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