रायपुर। ‘मुस्कुराइए कि आप आंगनबाड़ी केंद्र में हैं...’’ - यह नारा अब वास्तविकता का रूप ले चुका है। राजनांदगांव जिले के सक्षम आंगनबाड़ी केंद्...

रायपुर। ‘मुस्कुराइए कि आप आंगनबाड़ी केंद्र में हैं...’’ - यह नारा अब
वास्तविकता का रूप ले चुका है। राजनांदगांव जिले के सक्षम आंगनबाड़ी
केंद्रों ने नन्हे बच्चों की शिक्षा और विकास को नया आयाम दिया है। यहां का
वातावरण अब पारंपरिक आंगनबाड़ी केंद्र से आगे बढ़कर प्ले स्कूल और
प्री-नर्सरी जैसा बन गया है, जहां बच्चे खेल-खेल में सीख रहे हैं और
मुस्कुरा रहे हैं। सक्षम आंगनबाड़ी केन्द्र क्रमांक 1 भोथीपार खुर्द, क्रमांक 3 सिंघोला और
क्रमांक 3 भोथीपार खुर्द में बच्चों को बाल सुलभ तरीके से अक्षर ज्ञान,
कविता, गीत और विविध जानकारी दी जा रही है। दीवारों पर आकर्षक चित्रकारी,
शैक्षणिक सामग्री और बाल केंद्रित गतिविधियों के माध्यम से बच्चों में पढ़ाई
के प्रति उत्साह देखा जा रहा है। ‘आलू कचालू बेटा कहां गए थे...’ जैसी
कविताएं बच्चे बड़े आनंद से याद कर रहे हैं। राज्य सरकार की योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के चलते ग्रामीण क्षेत्रों
के ये आंगनबाड़ी केंद्र जागरूकता, पोषण और शिक्षा के संगम स्थल बन गए हैं।
लड़का-लड़की एक समान, अच्छी वजन की रेखा - अच्छा बच्चा देखा जैसे संदेशों से
सामाजिक सोच में बदलाव आ रहा है। गर्भवती महिलाओं को गरम पौष्टिक भोजन,
किशोरी बालिकाओं को स्वास्थ्य शिक्षा और बच्चों को नियमित पूरक पोषण आहार
उपलब्ध कराया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने बताया
कि राज्य में आंगनबाड़ी केंद्रों को सशक्त बनाकर प्ले स्कूल की तर्ज पर
विकसित किया जा रहा है, ताकि बच्चों को प्रारंभिक अवस्था से ही समग्र विकास
का अवसर मिले। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव
साय के नेतृत्व में सरकार बच्चों, माताओं और किशोरियों की देखभाल को
सर्वाेच्च प्राथमिकता दे रही है। जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती गुरूप्रीत कौर ने बताया कि जिले में
मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना, महतारी
वंदन योजना, नोनी सुरक्षा योजना और सुकन्या समृद्धि योजना का प्रभावी
संचालन किया जा रहा है। सक्षम आंगनबाड़ी केन्द्र क्रमांक 3 भोथीपार खुर्द में ‘मोर जन्म दिन’
नामक विशेष कैलेंडर के माध्यम से बच्चों का जन्मदिन उत्सवपूर्वक मनाया जा
रहा है। यहां बच्चों के लिए खेल सामग्री, पढ़ाई की सामग्रियां और स्वच्छ
वातावरण उपलब्ध है।
इस प्रयास में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती गोदावरी साहू, श्रीमती पूनम
यादव और सहायिका की सक्रिय भूमिका उल्लेखनीय रही। बच्चों की मुस्कान और
उनकी सक्रियता इस बात का प्रमाण है कि आंगनबाड़ी केंद्र अब केवल पोषण का ही
नहीं, बल्कि शिक्षा, संस्कार और संवेदनशीलता का केंद्र बन गए हैं।
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