जन सहयोग बना स्थायी जल सुरक्षा की आधारशिला रायपुर । जल संकट से स्थायी निजात दिलाने एवं भू-जल स्तर को बढ़ाने के उद्देश्य से मोर गांव, मोर...
जन सहयोग बना स्थायी जल सुरक्षा की आधारशिला
जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में महाअभियान का शुभारंभ कर इसे प्रभावशाली ढंग से क्रियान्वित किया जा रहा है। जिला एवं जनपद स्तर पर सीईओ को नोडल अधिकारी नियुक्त कर, ब्लॉक रिसोर्स पर्सन का चयन किया गया तथा मैदानी अमलों को ग्राम, जनपद एवं जिला स्तर पर प्रशिक्षण प्रदान दिया गया। सूरजपुर जिले में इस महाअभियान में 64 नालों का सर्वे किया गया, जिसमें 18 मॉडल नालों का चयन कर क्षेत्रवार कार्य योजना बनाई गई है। पार्टिसिपेट्री रूरल अप्रैज़ल पद्धति से ग्रामों में प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन योजना तैयार कर उसे ग्राम पंचायत विकास योजना में समाहित किया गया एवं शासन की विभिन्न योजनाओं से जोड़ा गया। मनरेगा के श्रम बजट में समाहित कर रोजगार सृजन करते हुए कार्यों की स्वीकृति ’सिक्योर’ पोर्टल के माध्यम से दी गई। इस महाभियान के तहत कंटूर ट्रेंच 55, वृक्षारोपण 34 स्थल, गली प्लग 2520, लूज बोल्डर चेक डेम 855, कूप 12, गैबियन स्ट्रक्चर 43, अंडरग्राउंड डाइक 20, फार्म पोंड 1289, मिट्टी बांध 67, चेक डेम 09 एवं अमृत सरोवर 28 कुल 4932 संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है, जिनका उद्देश्य बरसात में बहकर व्यर्थ जाने वाले जल को संरक्षित कर भू-जल स्तर को बढ़ाना है।
कार्ययोजना निर्माण में आधुनिक (जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम) तकनीक
का उपयोग करते हुए पहाड़ी से घाटी तक (रिज टू वैली) सिद्धांत पर आधारित
संरचनाओं की योजना बनाई गई है जिससे वर्षा जल को संरचित ढंग से रोककर
अधिकतम जल संचयन सुनिश्चित किया जा सके, साथ ही जनसहयोग एवं श्रमदान के
माध्यम से जल संरक्षण एवं स्वच्छता से जुड़ी गतिविधियों को भी गति दी गई है,
जिसमें स्थानीय ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों, शासकीय कर्मचारियों एवं
स्वयंसेवी संगठनों की सक्रिय भागीदारी रही है। घरेलू अपशिष्ट जल के समुचित
निपटान हेतु परिवारों एवं सार्वजनिक स्थलों पर सोख्ता गड्ढों का निर्माण कर
जल पुनर्भरण की दिशा में सकारात्मक पहल की गई है। इन समस्त प्रयासों में
जनभागीदारी से जनकल्याण की भावना स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो रही है, जिससे
जिले में न केवल जल संरक्षण को मजबूती मिली है बल्कि स्थानीय समुदाय की
आजीविका को भी स्थायित्व मिला है।
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