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जल संरक्षण की मिसाल बना मोर गांव, मोर पानी महाअभियान

  मोर गांव, मोर पानी महा अभियान से जिले में वर्षा जल का संरक्षण हो रहा है        रायपुर । मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश एवं क...

 मोर गांव, मोर पानी महा अभियान से जिले में वर्षा जल का संरक्षण हो रहा है

      
रायपुर । मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश एवं कलेक्टर के मार्गदर्शन में मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में मोर गांव, मोर पानी महाभियान के तहत जल संरक्षण और भू-जल स्तर को बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर कार्य किया जा रहा है। जिसके तहत मोहला-मानपुर-अं.चौकी जिले के ग्राम पंचायतों में कुल 269 से अधिक संरचनाएं बनाई जा चुकी है व इस वर्ष जल संरक्षण कार्यों को मंजूरी दी जा रही है इनमें तालाब निर्माण, निजी कृषि तालाब, सोखता गड्ढे, लूज बोल्डर चेक डैम, गैबियन स्ट्रक्चर, अर्दन डैम, चेक डैम, कंटूर ट्रेच, सोक पिट, डिफंक्ट बोरवेल रिचार्ज, परकोलेशन टैंक जैसे महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं, इन संरचनाओं का मुख्य उददेश्य बरसात के मौसम में नालों के माध्यम से बहकर व्यर्थ जाने वाले पानी को रोकना और उसे धरती में समाहित कर भू-जल स्तर को बढ़ाना है ।
   इन कार्यों की योजना बनाने और कार्यान्वयन में आधुनिक जीआईएस भौगोलिक सूचना प्रणाली तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। इसकी मदद से रिज टू वैली पहाड़ी से घाटी तक सिद्धांत पर आधारित स्ट्रक्चर्स की प्लानिंग की गई है ताकि बारिश का पानी व्यवस्थित तरीके से संरचनाओं में एकत्र हो और अधिकतम जल संचयन हो सके। पूर्व में इन क्षेत्रों में वर्षा चल के बहाव से बड़े पैमाने पर मिटटी कटाव की समस्या उत्पन्न होती थी। अब इन संरचनाओं के निर्माण से न केवल जल संरक्षण होगा बल्कि मिटटी कटाव की समस्या पर भी स्थायी समाधान मिलेगा। नालों का बहाव धीमा होगा और पानी धीरे-धीरे भूमि में रिसकर भू-जल भंडार को समृद्ध करेगा। PMAY–G के हितग्राहियों के घरो में महाअभियान चलाते हुए जिले में सभी आवासों में सोखता गढ्ढा एवं रूफटॉप संरचना का निर्माण के लिए हितग्राहियों को प्रोत्साहित करते हुए संरचनाओं निर्माण किया जा रहा है।

      कलेक्टर श्रीमती तुलिका प्रजापति और जिला मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती भारती चंद्राकर के मार्गदर्शन में मनरेगा योजना के तहत जल संवर्धन के लिए विभन्न संरचनाओं का निर्माण तेज गति से जारी है। जिसमें ग्राम पंचायातों की शत प्रतिशत भागीदारी है। ये प्रयास जिले में जल सुरक्षा सुनिश्चित करने और स्थानीय समुदायों की आजीविका को बेहतर बनाने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं।

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