समय पर उपचार से बची जान रायपुर । मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की मंशा के अनुरूप, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के मार्गदर्शन म...
समय पर उपचार से बची जान
इसके बाद 21 जुलाई 2025 को उनके परिजन उन्हें जशपुर जिला चिकित्सालय लेकर पहुंचे, जहां चिकित्सा अधिकारी एवं जिला नोडल अधिकारी (आईडीएसपी) ने मरीज की गंभीर स्थिति देखते हुए तत्काल आवश्यक लैब जांच और एक्स-रे करवाया। रिपोर्ट में दाहिने फेफड़े में पस के अत्यधिक जमाव की पुष्टि हुई। हालत बिगड़ने से पहले ही चिकित्सक ने स्वयं थोरैसेंटेसिस प्रक्रिया अपनाकर पतली सुई के माध्यम से फेफड़े और छाती की दीवार के बीच से लगभग 1.5 लीटर तरल पदार्थ निकालकर आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं दीं। समय पर उपचार से मरीज की जान बच गई। मरीज और परिजनों ने डॉक्टर तथा जिला चिकित्सालय प्रबंधन के प्रतिकृतज्ञता व्यक्त की।
डॉ. अग्रवाल ने जानकारी दी कि प्लूरल इंफ्यूजन अक्सर किसी गंभीर अंतर्निहित बीमारी का लक्षण होता है, जिसके सामान्य कारणों में हृदय विफलता, निमोनिया, कैंसर, फेफड़ों में रक्त का थक्का, यकृत या गुर्दे की बीमारी शामिल होता है। समय पर उपचार न होने पर यह सांस लेने में अत्यधिक कठिनाई, सीने में तेज दर्द, बेचैनी, संक्रमण, फेफड़े का फाइब्रोसिस जैसी जटिलताएं पैदा कर सकता है, जो जीवन के लिए घातक सिद्ध हो सकती हैं।
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