हिन्दुस्तान और ताशकंद का संबंध तीन हजार वर्ष पुराना: प्रो. ओयबेक रोज़िव उज्बेकिस्तान के विद्यार्थी छत्तीसगढ़ में और यहां के विद्यार्थी उज्...
हिन्दुस्तान और ताशकंद का संबंध तीन हजार वर्ष पुराना: प्रो. ओयबेक रोज़िव
उज्बेकिस्तान के विद्यार्थी छत्तीसगढ़ में और यहां के विद्यार्थी उज्बेकिस्तान में कर सकेगें कृषि शोध एवं अध्ययन
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर एवं डेनाऊ इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरप्रेन्योरशिप एंड पेडागॉजी उज्बेकिस्तान के मध्य शिक्षा एवं अनुसंधान के लिए हुआ एमओयू
प्रो. रोजिव ने मंत्री श्री नेताम को बताया कि वे अध्ययन भ्रमण में छत्तीसगढ़ आए हैं। उन्हें यहां धान की विलक्षण जैव विविधता एवं उत्पादन तकनीक ने गहराई से प्रभावित किया। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि उनके संस्थान ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के साथ कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान सहयोग हेतु समझौता किया है।
प्रो. रोज़िव ने बताया कि उज्बेकिस्तान में भी मछली पालन एवं पशुपालन के क्षेत्र में काफी अच्छे काम हुए है। वह भी अवलोकन योग्य है। उन्होंने बताया कि उनके संस्थान में 4 संकाय, 14 विभाग एवं 34 पाठ्यक्रम संचालित होते हैं जिनमें लगभग 8 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत हैं तथा 7 देशों के साथ अनुसंधान सहयोग किया जा रहा है। उन्होंने कृषि मंत्री श्री राम विचार नेताम को उज्बेकिस्तान आने आमंत्रित किया। मंत्री श्री नेताम ने कहा कि निश्चित ही कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान के लिए हुए समझौते से छत्तीसगढ़ और उज्बेकिस्तान के विद्यार्थीयों को उच्च शिक्षा मेें काफी मदद मिलेगी। साथ ही किसानों को भी नई तकनीकों एवं शोध से काफी फायदा होगा। मंत्री श्री नेताम ने प्रो. रोजिव के निमंत्रण पर जल्द ही उज्बेकिस्तान आने की बात कही।
गौरतलब है कि प्रो. रोज़िव गुरूवार को रायपुर में आयोजित “कृषि में
अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा एवं अनुसंधान सहयोग” विषयक संगोष्ठी में बतौर मुख्य
अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय
रायपुर एवं डेनाऊ इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरप्रेन्योरशिप एंड पेडागॉजी
उज्बेकिस्तान के मध्य दोनों शिक्षा एवं अनुसंधान में सहयोग हेतु एमओयू
पत्रों का आदान-प्रदान हुआ। समझौते के तहत कृषि, पर्यावरण, जल संरक्षण,
सुगंध एवं औषधीय पौधों का उत्पादन, खाद्य प्रसंस्करण, जैव प्रौद्योगिकी और
उद्यमिता विकास जैसे क्षेत्रों में संयुक्त अनुसंधान कार्य किए जाएंगे।
इससे इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के विद्यार्थियों एवं संकाय
सदस्यों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान के अवसर
प्राप्त होंगे। इस मौके पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.
गिरीश चंदेल उपस्थित थे।
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