रायपुर. कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से लड़ाई अब और मजबूत हो गई है। वेदांता समूह के सहयोग से स्थापित बालको मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन की ओर से संच...
रायपुर. कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से लड़ाई अब और मजबूत हो गई है। वेदांता समूह के सहयोग से स्थापित बालको मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन की ओर से संचालित बालको मेडिकल सेंटर (बीएमसी) ने तीसरे छत्तीसगढ़ कैंसर कॉन्क्लेव का भव्य आयोजन किया। कार्यक्रम में देश और विदेश के 300 से अधिक जाने-माने कैंसर विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और नीति-निर्माताओं ने हिस्सा लिया। विशेषज्ञों ने कहा कि समय पर जांच और इलाज ही कैंसर के खिलाफ सबसे कारगर हथियार है। यह आयोजन सिर्फ एक सम्मेलन नहीं बल्कि मरीजों के लिए नई उम्मीद और आधुनिक उपचार के नए युग की शुरुआत साबित हुआ। बीएमसी की चेयरपर्सन ज्योति अग्रवाल ने कहा कि महिलाओं और युवतियों को भविष्य में कैंसर से सुरक्षित रखने के लिए विशेष पहल की जा रही है। हमने स्कूल की बच्चियों के वैक्सीनेशन पर फोकस किया है और अब तक करीब 800 बच्चियों को एचपीवी वैक्सीन लगाई जा चुकी है। यह कदम गर्भाशय ग्रीवा कैंसर की रोकथाम के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। हमारा उद्देश्य यह भी है कि ओवर-ट्रीटमेंट न हो, मरीज को जितना इलाज चाहिए उतना ही दिया जाए। बीएमसी की डायरेक्टर डॉ. भावना सिरोही ने कहा कि कैंसर अब उतना डरावना रोग नहीं रहा जितना पहले माना जाता था। सही समय पर जांच और आधुनिक उपचार से कैंसर को पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने कहा, जैसे बीपी और शुगर जीवनभर नियंत्रित किए जा सकते हैं, वैसे ही कैंसर भी सही इलाज से काबू में रह सकता है। अब तो कैंसर का इलाज सर्दी-खांसी की तरह संभव हो गया है। उन्होंने यह भी कहा कि पहले जहां मरीजों को 6 महीने तक कीमोथेरेपी लेनी पड़ती थी, वहीं अब 3 महीने का इलाज पर्याप्त हो रहा है।
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