रायपुर. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) ने ग्रामीण अंचलों में न केवल रोजगार सृजन किया है, बल्कि किसानों के जीव...
रायपुर. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) ने ग्रामीण अंचलों में न केवल रोजगार सृजन किया है, बल्कि किसानों के जीवन में समृद्धि लाने का कार्य भी किया है। धरमजयगढ़ विकासखण्ड की ग्राम पंचायत आमापाली के किसान श्री मार्शल उर्फ छोटेया इसका उदाहरण हैं। कभी पानी की कमी से जूझती उनकी 2.5 एकड़ कृषि भूमि आज हरी-भरी फसलों से लहलहा रही है। पूर्व में उनकी कृषि पूरी तरह वर्षा पर निर्भर थी। सीमित उत्पादन और कम आय के कारण परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी। इस बीच मनरेगा के तहत उनके खेत में व्यक्तिगत कुंआ निर्माण कार्य स्वीकृत हुआ। इसके लिए 2.54 लाख रुपये की प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति प्रदान की गई। कुंआ निर्माण के बाद श्री मार्शल ने अपने खेत में धान, मक्का, मूंगफली एवं विभिन्न सब्जियों की खेती प्रारंभ की। गर्मी के मौसम में मूंगफली की फसल से प्राप्त आमदनी ने उनकी आर्थिक दशा को सुदृढ़ किया। सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होने से फसलों की उत्पादकता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई और अब उन्हें प्रतिवर्ष लगभग 40 हजार रुपये की अतिरिक्त आय हो रही है। इस कार्य से श्री मार्शल के परिवार के 5 सदस्यों सहित 20 अन्य जॉब कार्डधारी ग्रामीणों को भी रोजगार मिला। श्री मार्शल की सफलता को देखते हुए चार अन्य किसानों ने व्यक्तिगत कुंआ निर्माण कार्यों की माँग की, जिन्हें प्रशासन द्वारा स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है।
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