पुनर्वासित नक्सलियों को मिला स्थायी आशियाना विशेष परियोजना से बस्तर संभाग के 3258 नक्सल हिंसा से प्रभावित एवं पुनर्वासित नक्सलियों को म...
पुनर्वासित नक्सलियों को मिला स्थायी आशियाना
विशेष परियोजना से बस्तर संभाग के 3258 नक्सल हिंसा से प्रभावित एवं पुनर्वासित नक्सलियों को मिला पीएम आवास योजना से सुरक्षित और सम्मानजनक आवास
आवास मिला, तो मिले सुरक्षा और सम्मान
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत बस्तर संभाग के 7 जिलों
क्रमशः बस्तर, कोंडागांव, कांकेर, दंतेवाड़ा, सुकमा, नारायणपुर और बीजापुर
में अब तक कुल 3258 नक्सल हिंसा से प्रभावित एवं पूर्व नक्सलियों को अपना
स्वयं के पक्के घर की स्वीकृति मिल चुकी है। नक्सली गतिविधि में संलग्न
रहने के दौरान कच्ची झोपड़ियों, जंगलों और अस्थायी ठिकानों में जीवन बिताने
वाले पुर्नवासित नक्सलियों को जब पक्की दीवारों वाला घर मिला, तो उनके लिए
यह सिर्फ एक मकान नहीं बल्कि नए जीवन की शुरुआत बन गया है।
नई पहल से जागी नई उम्मीद मिली नई दिशा
पक्के आवास मिलने से इन लोगों के मन में नई उम्मीद जागी है।
प्रधानमंत्री आवास मिलने के साथ ही इच्छुक व्यक्तियों को रूरल मिशन
ट्रेनिंग भी दी जा रही है जिससे आजीविका संवर्धन भी हो। राज्य शासन के इन
प्रयासों से ये सिर्फ नक्सलवाद से दूर नहीं हुए, बल्कि वे सामाजिक और
आर्थिक रूप से भी स्वयं को सशक्त बना रहे हैं। पुनर्वास शिविरों में
काउंसलिंग, कौशल प्रशिक्षण, नियद नेल्ला नार योजना, पीएम आवास योजना सभी
प्रयासों ने पुनर्वासित नक्सलियों के मन में यह भरोसा जगाया है कि सरकार
उन्हें एक सुरक्षित और सम्मानजनक भविष्य देना चाहती है। बस्तर की यह कहानी
बताती है कि सही नीति, संवेदनशीलता और निरंतर प्रयास से हिंसा प्रभावित
क्षेत्र भी विकास का प्रतीक बन सकते हैं।
पुनर्वासित युवा श्री सोड़ी हुंगा को मिला आवास
सुकमा जिले के ग्राम पंचायत एलमागुड़ा के आश्रित ग्राम करीगुडम के
श्री सोड़ी हुंगा के द्वारा खुशी जाहिर करते हुए कहा कि मैं पूर्व में नक्सल
गतिविधियों में कार्य कर रहा था, लेकिन केन्द्र और राज्य सरकार की
पुनर्वास उवं मुख्यधारा से जोडने वाली नीतियों से प्रभावित होकर मुझे
समर्पण करना उचित लगा। पुनर्वास के बाद शासन-प्रशासन ने मुझे प्रोत्साहन
राशि एवं विशेष परियोजना के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अन्तर्गत
आवास स्वीकृत कर एक पक्का छत वाला आवास दिया है।
नक्सलियों ने छीना था सहारा, अब शासन से मिला सहयोग - श्री सोड़ी हुंगी
सुकमा जिले के ग्राम पंचायत गादीरास के आश्रित ग्राम ओईरास के
श्रीमती सोड़ी हुंगी की कहानी बिल्कुल अलग है। पूर्व में इनके पति की
नक्सलियों ने हत्या कर दी थी, हितग्राही बताती हैं कि वो अपने दो बेटे और
एक बहू के साथ वो झोपड़ीनुमा कच्चे मकान में रहती थी। स्पेशल प्रोजेक्ट के
अंतर्गत सर्वे कर वर्ष 2024-25 में मुझे आवास की स्वीकृति मिली। हम लोगों
पर विशेष ध्यान रखने के लिए राज्य शासन का मैं धन्यवाद करती हूं।

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