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बस्तर ओलंपिक के जिला स्तरीय स्पर्धा में राकेश रहे प्रथम, अब संभाग स्तरीय प्रतियोगिता में दिखाएंगे दमखम

  पूना परियान नई उड़ान’ से मिली वेटलिफ्टिंग की प्रेरणा, नजर अब बड़ी प्रतियोगिताओं पर रायपुर. कांकेर जिले के दुर्गूकोंदल विकासखंड के ग्राम च...

 

पूना परियान नई उड़ान’ से मिली वेटलिफ्टिंग की प्रेरणा, नजर अब बड़ी प्रतियोगिताओं पर

रायपुर. कांकेर जिले के दुर्गूकोंदल विकासखंड के ग्राम चिहरो के राकेश कुमार चुरेंद्र ने वेटलिफ्टिंग में अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन करते हुए बस्तर ओलंपिक के जिला स्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। 22 साल के राकेश ने बताया कि वेटलिफ्टिंग की प्रेरणा उसे कांकेर जिला प्रशासन द्वारा संचालित ‘पूना परियान नई उड़ान’ पहल से मिली, जहां कोच श्री रिखी राम साहू ने उसे प्रशिक्षण दिया। ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले राकेश की बस्तर ओलंपिक में सफलता पूरे क्षेत्र के लिए गर्व का विषय बन गई है।

राकेश ने बताया कि वे रोज सुबह 7 बजे से 9 बजे तक नियमित अभ्यास करते हैं। संसाधनों की कमी के बावजूद राकेश ने दृढ़ इच्छा शक्ति दिखाते हुए सीमेंट से भरे वजन और लकड़ी के बार के सहारे अभ्यास किया। उसने जिला स्तरीय बस्तर ओलिंपिक में 65 किलो वजन उठाकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। अपनी सफलता से गर्व और उत्साह से भरे राकेश अपने संघर्ष व मेहनत को याद करते हुए कहते हैं कि आर्थिक स्थिति और उपकरणों की कमी ने कई बार मुश्किलें पैदा की, परन्तु हार नहीं मानी। 

राकेश अभी बस्तर संभागीय मुख्यालय जगदलपुर में होने वाले संभाग स्तरीय प्रतियोगिता की तैयारी कर रहे हैं। इसे लेकर वे बेहद उत्साहित हैं। बस्तर ओलंपिक की संभाग स्तरीय प्रतियोगिता में जीत हासिल करना तथा आगे चलकर राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर चिहरो गांव और कांकेर जिले का नाम रोशन करना उसका लक्ष्य है। वे क्षेत्र के युवाओं को प्रेरित करते हुए कहते हैं कि अगर लक्ष्य मजबूत हो और मेहनत सच्ची, तो साधन की कमी आपको रोक नहीं सकती। राकेश की प्रेरणादायी कहानी बस्तर के युवाओं के लिए संदेश है कि इच्छाशक्ति और मेहनत के दम पर बड़े सपने पूरे किए जा सकते हैं।

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