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दिव्यांगजन स्वावलंबन को नई दिशा : शासन की संवेदनशील पहल से चंदन निलहर बने आत्मनिर्भर

  रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के दिव्यांगजनों के सम्मान, अधिकार और स्वावलंबन को सर्वोच्च प...

 

रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के दिव्यांगजनों के सम्मान, अधिकार और स्वावलंबन को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के मार्गदर्शन में विभाग द्वारा संचालित दिव्यांगजन स्वावलंबन योजना आज हजारों परिवारों के लिए आशा की किरण बन चुकी है। इसी योजना ने रायपुर जिले के ग्राम देवपुरी निवासी श्री चंदन निलहर के जीवन में भी महत्वपूर्ण बदलाव लाया है।

जन्म से दिव्यांग और आर्थिक रूप से अत्यंत कमजोर स्थिति वाले श्री निलहर पर पिता के निधन के बाद पूरे परिवार की जिम्मेदारी आ गई थी। परिवार का भरण-पोषण करने के लिए वे संघर्ष कर रहे थे। ऐसे समय में उन्होंने समाज कल्याण विभाग से संपर्क कर ई-रिक्शा क्रय हेतु ऋण आवेदन प्रस्तुत किया। विभाग द्वारा सभी आवश्यक जांच के पश्चात छत्तीसगढ़ दिव्यांग वित्त एवं विकास निगम, रायपुर के माध्यम से वर्ष 2024 में 3 लाख 44 हजार 730 का ऋण स्वीकृत किया गया।

न्यूनतम ब्याज दर पर उपलब्ध कराए गए इस ऋण से श्री निलहर को ई-रिक्शा प्राप्त हुआ, जिसने उनकी तकदीर ही बदल दी। आज वे प्रतिदिन ई-रिक्शा चलाकर स्थिर आय अर्जित कर रहे हैं और अपने परिवार की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। अब उनके घर में आर्थिक स्थिरता आई है और जीवन में आत्मविश्वास का संचार हुआ है। ई-रिक्शा ने उन्हें आजीविका का साधन ही नहीं दिया, बल्कि समाज में सम्मानपूर्वक जीने का अवसर भी प्रदान किया है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने  कहा कि सरकार का उद्देश्य हर दिव्यांग व्यक्ति को अवसर, संसाधन और सम्मान प्रदान कर उन्हें मुख्यधारा में आगे बढ़ाना है। समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि विभाग दिव्यांगजन स्वावलंबन को मिशन मोड में लेकर कार्य कर रहा है, ताकि कोई भी व्यक्ति अभाव के कारण पीछे न रह जाए।
समाज कल्याण विभाग ने श्री चंदन निलहर की सफलता को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि यह योजना दिव्यांगजनों के जीवन में वास्तविक परिवर्तन ला रही है। सही सहयोग और संबल मिलने पर दिव्यांगजन न केवल आत्मनिर्भर बन रहे हैं, बल्कि समाज में प्रेरक उदाहरण भी प्रस्तुत कर रहे हैं।
दिव्यांगजन स्वावलंबन योजना की सफलता यह सिद्ध करती है कि संवेदनशील शासन, उचित समर्थन और दृढ़ इच्छा शक्ति मिलकर जीवन की दिशा बदल सकती है।

 

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