मत्स्य पालन से कमा रहे 3.60 लाख रुपये वार्षिक रायपुर । मुंगेली जिले के विकासखंड लोरमी अंतर्गत ग्राम पंचायत खुड़िया के किसान कुंवर सिंह न...
मत्स्य पालन से कमा रहे 3.60 लाख रुपये वार्षिक
रायपुर । मुंगेली जिले के विकासखंड लोरमी अंतर्गत ग्राम पंचायत खुड़िया के किसान
कुंवर सिंह ने मनरेगा योजना के तहत स्वीकृत डबरी निर्माण से अपनी आजीविका
में उल्लेखनीय सुधार किया है। मनरेगा के तहत डबरी निर्माण ने न केवल कुंवर
सिंह के खेतों में हरियाली लौटाई है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से भी समृद्ध
बनाया है। वर्षों से खेतों में सिंचाई सुविधा के अभाव के कारण उत्पादन
प्रभावित हो रहा था और किसान वर्षा आधारित खेती पर ही निर्भर थे। गर्मी के
मौसम में खेत सूख जाते थे, जिससे आय सीमित हो जाती थी और परिवार आर्थिक
तंगी का सामना करता था।
महात्मा गाँधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मनरेगा के
दिशा-निर्देशों के अनुरूप ग्रामीण आजीविका सुधार के उद्देश्य से ग्राम
पंचायत खुड़िया में कुंवर सिंह की निजी भूमि पर डबरी निर्माण स्वीकृत होने
के उपरांत स्थल निरीक्षण और तकनीकी स्वीकृति के बाद ग्राम पंचायत द्वारा
कार्य को पूर्ण कराया गया। कार्य पूर्ण होने के बाद किसान को एक गहरी,
सुव्यवस्थित और वर्षा जल संग्रहण में सक्षम डबरी प्राप्त हुई। डबरी निर्माण
के बाद कुंवर सिंह बहुआयामी लाभ प्राप्त कर रहे हैं। साथ ही अब वे पूरे
वर्ष खेतों की सिंचाई कर पा रहे हैं, जिससे दोहरी फसल उत्पादन से आय में
वृद्धि हुई है। डबरी में मत्स्य पालन कर वे 3.60 लाख रुपये वार्षिक
अतिरिक्त आय प्राप्त कर रहे हैं। साथ ही डबरी की मेड़ों पर सब्जियाँ, अरहर
सहित अन्य फसलें उगा रहे हैं, जिससे पशुओं के लिए हरा चारा भी उपलब्ध हो
रहा है।
जिला पंचायत के अधिकारियो ने बताया कि कुंवर सिंह की मेहनत और इच्छा
शक्ति के साथ मनरेगा संरचना ने उनकी आजीविका में महत्वपूर्ण सुधार किया है।
उन्होंने कहा कि यह उदाहरण दर्शाता है कि मनरेगा संरचनाएँ आजीविका संवर्धन
में अत्यंत प्रभावी हैं तथा हितग्राही न केवल स्थायी परिसंपत्तियाँ
प्राप्त करते हैं, बल्कि मजदूरी के माध्यम से तत्काल आय भी अर्जित करते
हैं। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने जानकारी दी कि कलेक्टर के
मार्गदर्शन में जिले में मनरेगा के पैरा-5 अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को
डबरी निर्माण, पशु शेड, बकरी शेड, मुर्गी शेड, सूअर शेड और कुएँ जैसे
हितग्राही मूलक कार्य स्वीकृत किए जा रहे हैं। इससे ग्रामीण परिवारों को
आजीविका सुधार का सशक्त अवसर मिल रहा है।

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