बालोद। छत्तीसगढ़ में 17 नवंबर को जहां दूसरे चरण के मतदान को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है, जहां आज मतदान दलों को मतदान सामग्री देकर उन...
बालोद। छत्तीसगढ़ में 17 नवंबर को जहां दूसरे चरण के मतदान को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है, जहां आज मतदान दलों को मतदान सामग्री देकर उनके गन्तव्य की ओर रवाना कर दिया गया है। वहीं दूसरी ओर फिर एक बार दंतैल हाथी के आहट से हड़कंप मच गया है। वन अमला एवं हाथी मित्र दल फिर एक बार अलर्ट हो गया है। बालोद वन मंडल की सीमा से 3 किमी की दूरी पर धमतरी वन मंडल में दंतैल हाथी की मौजूदगी है, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि देर शाम तक हाथी जिले में प्रवेश कर सकता है। जिसे लेकर वन विभाग अलर्ट हो गया है। चूंकि कल 17 नवंबर को मतदान भी है। तो ऐसे में सीमा क्षेत्र से लगे मतदान केंद्रों में वन मित्र मंडल और पुलिस बल की विशेष तैनाती की गई है। साथ ही वन विभाग ने सुबह सुबह जंगल न जाने, सतर्क व सुरक्षित रहने, एक दूसरे को सतर्क करने और हाथी दिखने ओर नजदीकी वन अमला को सूचित करने कहा गया है। दरअसल, बालोद वन मंडल की सीमा से लगे गांव वनांचल एवं जंगल क्षेत्र में है। वहीं दूसरे चरण में कल संपन्न होने वाले चुनाव को लेकर जिन स्कूलों को मतदान केंद्र बनाया गया है, वह भी इन्ही क्षेत्रों में हैं। जिसके मद्देनजर वन विभाग अलर्ट गांव में मुनादी के माध्यम से ग्रामीणों को सचेत कर रहा है। ताकि मतदान में किसी प्रकार का खलल पैदा न हो सके। डीएफओ आयुष जैन ने बताया कि 2-3 दिन पूर्व सूचना मिली थी कि धमतरी वन मंडल में एक दंतैल हाथी विचरण कर रहा है, वो बालोद की सीमा पर है। लोकेशन मिली थी कि 5 से 7 किमी की दूरी पर हैं। उसके बाद से हमारी टीम अलर्ट हो गई है। गुरुर वन परिक्षेत्र के जो गांव है उस सीमा क्षेत्र में है, वहां सभी जगह मुनादी करा दी गई है। और लगातार हाथी को ट्रैक किया जा रहा है। आयुष जैन ने बताया कि अब बालोद वन मंडल की तरफ हाथी के आने की सूचना पर और अलर्ट जारी कर दिया गया है। हाथी मित्र मंडल की टीम लगातार मॉनिटरिंग कर रही हैं। विभाग के स्टाफ को रिजर्व में रखा गया है। हाथी जैसी आकस्मिक स्तिथि में टीम रहे। जो परिस्थिति को हैंडल कर सके। हाथी के लोकेशन और मुनादी के लिए टीम लगी हुई है। डीएफओ ने आगे बताया कि कल होने वाले मतदान को लेकर और भी ज्यादा अलर्ट है। सामान्य तौर पर हाथी का मूवमेंट जंगल और वनांचल क्षेत्र की ओर रहता है। हाथी बहुत कम वनांचल क्षेत्र को छोड़कर मैदानी क्षेत्र ने निकलता हैं। और अगर ऐसी कोई स्तिथि निर्मित होती है तो हमारी टीम मौजूद रहेगी उस परिस्थिति को हैंडल करने के लिए। गुरुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम बोरिदकला, आमापानी, मुड़खुसरा, बालोदगहन, जगतरा, नैकुरा, सोहतरा, बिच्छीबाहरा, खैरडिगी, को अलर्ट किया गया हैं।
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