दंतेवाड़ा जिला के दुरस्थ अंचल की ग्रामीण महिलाओं के चेहरे पर आई मुस्कान रायपुर । जल जीवन मिशन योजनांतर्गत दक्षिण बस्तर (दंतेवाड़ा) जिला के...
दंतेवाड़ा जिला के दुरस्थ अंचल की ग्रामीण महिलाओं के चेहरे पर आई मुस्कान
रायपुर । जल जीवन मिशन योजनांतर्गत दक्षिण बस्तर (दंतेवाड़ा) जिला के दुरस्थ अंचल के
निवासरत ग्रामीणों में स्वच्छ पेयजल मिलने से लागों के चेहरों में स्पष्ट
रूप से मुस्कान देखी जा सकती है। दंतेवाड़ा के ग्राम पंचायत बालपेट के
आश्रित ग्राम भैरमबंद निवासी श्रीमती सुमित्रा भास्कर कहती है कि ’’पहले
मुझे पीने का पानी लेने के लिए अपने घर से दूर मेन रोड पार करने के बाद
लंबी दूरी तय कर हैण्डपम्प से लाना पड़ता था। जहां अन्य महिलाएं भी पानी
लेने, कपड़े धोने व नहाने जाती थी। खासकर गृष्म काल में लंबे इंतजार के बाद
मुझे पानी मिलता था। नहाने और कपड़े धोने के लिए मैं बच्चों को लेकर नदी
जाती थी। दिनभर में कुल 5 से 7 गुण्डी पानी लाने के कारण मेरा पूरा दिन
केवल पानी भरने और घर के दैनिक कामों में ही गुजर जाता था’’। कमोबेश यही
व्यथा यहां के हर ग्रामीण महिलाओं की रही है। जो अपने परिवारजनों के लिए
दैनिक कार्यों और पेयजल के लिए नदियों कुओं और हैंड पंप में ही अपने
दिनचर्या का अधिकतर समय व्यतीत करने में विवश थी। परन्तु अब स्थितियां बदली
है और वे अब जल जीवन मिशन योजना के लाभ से स्वच्छ पेयजल के साथ-साथ अपना
और अपने बच्चों के भविष्य को आधुनिक स्वरूप दे रही है। घरों में नल सुविधा होने से प्रसन्न सुमित्रा भास्कर ने बताया कि पहले तो
जिंदगी की सबसे बड़ी समस्या पानी भरना ही था जिसके कारण कभी कुछ करने का सोच
भी नहीं सकती थी। उन्होंने बताया कि वे सरस्वती स्व सहायता समूह में सदस्य
हैं लेकिन उसमें भी कभी ठीक से समय नहीं दे पाती थी। काफी समय पानी भरने
में ही व्यतीत हो जाता था और शुद्ध पानी भी नहीं मिल पाता था। उन्होंने बताया कि ग्राम भैरमबंद जिला दंतेवाड़ा के मुख्यालय से लगभग 07
किमी की दूरी पर स्थित है। ग्राम भैरमबंद में कुल घरों की संख्या 60 और कुल
जनसंख्या 323 है, ग्राम में कुल 03 बसाहट पटेलपारा, राउतपारा, स्कूलपारा
है। ग्राम में 01 प्राथमिक शाला और 01 आंगनवाड़ी है यहां जल जीवन मिशन योजना
के क्रियान्वयन के तहत कुल 11.5 लाख लागत की योजना बनाकर, पहले से कुल 03
जीआई स्ट्रक्चर एवं 1400 मीटर पाईप लाईन का विस्तार कर ग्राम के सभी घरों
में जल जीवन मिशन योजना को पहुंचाया गया है। इससे ग्रामीणों को न केवल घरों
में नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल प्राप्त हो रहा है बल्कि यहां के स्कूलों
और आंगनबाड़ी में अध्ययनरत बच्चों को पेयजल एवं मध्यान्ह भोजन हेतु शुद्ध
पेयजल प्राप्त हो रहा है। सुमित्रा भास्कर ने बताया कि अब मेरे घर में जल जीवन मिशन योजना का नल लग
जाने से सुबह 7 बजे से ही घर में पानी मिल जाता है। उन्होंने बताया कि
सिलाई में बहुत रूचि होने से लाईवलीहुड कॉलेज में फैशन डिजाइनर का कोर्स कर
रही हैं। सुमित्रा ने बताया कि अपने दोनों बच्चों को तैयार कर उन्हें
आंगनबाड़ी और स्कूल भेज कर घर का पूरा काम 9 बजे तक निपटा कर लाईवलीहुड की
बस से सिलाई प्रशिक्षण के लिए चली जाती है और शाम को 4 बजे वापस आ जाती है।
अब तो पूरा दिन ही व्यवस्थित हो गया है। इस प्रकार जल जीवन मिशन के माध्यम
से पानी भरने के श्रम से मुक्ति तो मिली है साथ ही समय की बचत होने से
मुझे अपने स्वरोजगार के सपने को भी साकार करने का मौका मिला है। सिलाई
प्रशिक्षण पूर्ण होने के उपरांतघर में ही सिलाई सेंटर खोलने की योजना है। शासन की जल जीवन मिशन योजना की प्रशंसा करते हुए वे यह भी कहती है, जल जीवन
मिशन योजना ने तो जैसे मुझे साफ पानी देने के साथ नयी जिंदगी ही दे दी।
पहले हैंडपंप का पानी पीने और नदी में नहाने के कारण मेरे जैसी कई महिलाओं
के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता था। तबीयत खराब होने से दवाई का खर्चा और
घर परिवार में परेशानी अलग होती थी। पर अब तो नल के स्वच्छ पानी से पूरा
परिवार स्वस्थ है। जल जीवन मिशन योजना लाने के लिए हम महिलाएं शासन का आभार
व्यक्त करती हैं।
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