राजनांदगांव। सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए अब ग्रामीण क्षेत्रों में जोर दिया जा रहा है। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री सूर्य...
राजनांदगांव। सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए अब ग्रामीण क्षेत्रों में जोर दिया जा रहा है। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के तहत जिले में चुनिंदा गांवों को मॉडल सोलर विलेज के रूप में विकसित किया जाएगा। इस दिशा में जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है।
मॉडल सोलर विलेज के लिए पांच हजार से अधिक आबादी वाले राजस्व ग्रामों का चयन किया जाना अनिवार्य है। इस हिसाब से जिले के जिल के लगभग 10 गांव मॉडल सोलर विलेज के रूप में विकसित किए जाएंगे। निर्धारित मानकों के मुताबिक, वह ग्राम प्राथमिकता पाएगा जिसमें गैर-सरकारी माध्यमों से सर्वाधिक सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित की जाएगी। इसी आधार पर अंतिम चयन किया जाएगा।
अधिक आबादी वाले गांवों की सूची तैयार की जा रही है। मूल्यांकन क्रेडा के अधिकारियों ने बताया कि प्रत्येक ग्राम का जरूरतों के अनुसार सामुदायिक सौर संयंत्रों के प्रस्ताव तैयार कर जिला स्तर पर प्रस्तुत किया जाएगा। छह माह की अवधि पूर्ण होने पर जिला स्तरीय समिति द्वारा सभी ग्रामों का मूल्यांकन किया जाएगा।
यह मूल्यांकन ग्रामीणों द्वारा स्थापित सौर संयंत्रों की संख्या, योजनाओं के लिए किए गए आवेदनों, सामुदायिक सहभागिता, उपलब्ध ऊर्जा सुविधाओं और सौर संसाधनों के उपयोग की आधारशिला पर किया जाएगा।
इसी मूल्यांकन के आधार पर जिले के पहले सोलर मॉडल विलेज का चयन किया जाएगा और चयनित ग्राम का विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर 15 मार्च तक ऊर्जा विभाग, छत्तीसगढ़ शासन को भेजा जाएगा। उसके बाद उस गांव को पूर्णतः सौर ऊर्जा आधारित आदर्श मॉडल ग्राम के रूप में विकसित किया जा सकेगा।

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