मुख्य तकनीकी परीक्षक आर. पुराम ने ली राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक क्वालिटी मॉनिटरिंग ऐप से होगी सभी कार्यों की रियल-टाइम निगरानी रायपुर ।...
मुख्य तकनीकी परीक्षक आर. पुराम ने ली राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक
क्वालिटी मॉनिटरिंग ऐप से होगी सभी कार्यों की रियल-टाइम निगरानी
रायपुर । छत्तीसगढ़ शासन ने निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए निरीक्षण प्रतिवेदनों की समीक्षा तेज कर दी है। इसी कड़ी में बीते गुरूवार को मुख्य तकनीकी परीक्षक श्री आर. पुराम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी निर्माण विभागों के अभियंताओं की बैठक लेकर लंबित निरीक्षण प्रकरणों की समीक्षा की।
समीक्षा में बताया गया कि 8 दिसम्बर 2025 तक विभिन्न विभागों के कुल 1132 निरीक्षण प्रकरण लंबित हैं। इनमें लोक निर्माण विभाग के 484, जल संसाधन विभाग के 297, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के 192, नगरीय प्रशासन विभाग के 08, पीएमजीएसवाई/सीएमजीएसवाई के 29, सीजी हाउसिंग बोर्ड के 52 तथा छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पाेरेशन के 37 प्रकरण शामिल हैं।
15 दिनों में सभी जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश
बैठक में श्री पुराम ने विभागीय अभियंताओं को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी लंबित प्रकरणों का प्राथमिकता से परीक्षण कर 15 दिनों के भीतर जवाब प्रस्तुत करें। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि किसी भी स्तर पर अनावश्यक विलंब पाया गया तो संबंधित संभाग के अभियंताओं का नाम शासन को आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजा जाएगा।
क्वालिटी मॉनिटरिंग ऐप से बदलेगी व्यवस्था
बैठक में अभियंताओं को संगठन द्वारा विकसित क्वालिटी मॉनिटरिंग ऐप के उपयोग की जानकारी दी गई। इस ऐप में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी 100 बिंदु चेकलिस्ट शामिल की गई है, जिसके आधार पर निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच की जा सकेगी।
मैदानी अभियंताओं और संगठन के अधिकारियों के लिए अलग-अलग लॉगिन बनाये गए हैं। संगठन की टेक्निकल टीम द्वारा निर्माणाधीन एवं पूर्ण कार्यों का ळमव-ज्ंहहपदह किया जा रहा है, जिसकी निगरानी शासन एवं संगठन स्तर पर वेब इंटरफेस के माध्यम से होगी।
वेबसाइट पर उपलब्ध ऐप और मार्गदर्शिका
क्वालिटी मॉनिटरिंग ऐप संगठन की वेबसाइट पर डाउनलोड सेक्शन में उपलब्ध है। ऐप के संचालन हेतु पीडीएफ और वीडियो आधारित यूजर मैनुअल भी अपलोड कर दिया गया है, जिससे मैदानी अभियंता आसानी से ऐप का उपयोग कर सकेंगे।
बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि ऐप के माध्यम से मैदानी स्तर पर की जा रही कार्यवाही की निरंतर निगरानी शासन स्तर पर होगी, जिससे निर्माण कार्यों में गुणवत्ता, पारदर्शिता और जवाबदेही को और मजबूत किया जा सकेगा।

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